Wednesday, June 15, 2011

छोटे बच्चो की आत्मायो

किताब के इस पन्ने पर 
और भी ज्यादा उस पन्ने पर 
जो उलटकर है आराम  पर
देश में कोई ऐसा नही शिविर 
जहाँ इस उन्मुक्त किताब खोलकर 
एक - एक शब्द पढ़ सके 
इस समाज की बुराई को देख सके !!

दीपक जैसे जलने वाली 
छोटे बच्चो की आत्मायो का 
प्रियाव कह क्र तिमिरांचल लगाये 
अनुराग - राग गाकर, अभिषेक तिलक लगाये 
रख लेते है शोषण का कोट पहनाये !
खेलने कुदने के दिन वालो से 
निर्द्वंद अपनी शरण में छोटी रैयत से 
रखते है अपना काम चलाये !!!!!!! 

1 comments:

Chaitanya Sharma said...

सुंदर लिखा आपने..... आपके ब्लॉग पर गिटार बजाता बच्चा मजेदार लगा

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