Friday, November 12, 2010

तेरे रूठ जाने से, ये जमाना नही रूक गया

तेरे  रूठ जाने से, ये जमाना नही रूक गया !
दो दिन दिल रोया फिर से ये हंस गया!
मतलबी है तू और तेरी दुनिया !
तेरा बेवफा ये दिल मुझको बतला गया!
तेरे रूठ जाने से, ये जमाना नही रूक गया !

दिल से चाह कर आंखो मे बेठाया!
एक देरी क्या हुई हमे बेवफा बताया !
तुम चाह कर भी खुश नही रह पाएंगे !
जालिम तुमने एक जलते हुए "दीपक" को बुझाया !
तेरे रूठ जाने से, ये जमाना नही रूक गया !
दो दिन दिल रोया फिर से ये हंस गया

1 comments:

ASHOK BAJAJ said...

रोचक प्रस्तुति .

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