Wednesday, November 10, 2010

मै देख - देख कर हु हैरान

मैं सोच - सोच कर हूँ परेशान
केसी होगी वो जिसका नाम है "किरन"
पल भर में ही, बन जाता है चेहरा उसका
मै देख - देख कर हु हैरान
फिर न जाने क्यूँ
मै सोच - सोच कर हूँ परेशान!

धुप में , छाव में , सावन में , भादो में
परी सा खिला चेहरा उसका !
धुधाराले बालो कि लट लटकी
गोल गुलाब सा मुख उसका !
जब भी देंखे कोई लड़का
काजल लगे नयना उसकी
रात कि नींद , दिन का चैन
सिटी- पुटी गुम हो जाये उसकी !
मस्तानी सी अदा
पांच फूटी कद , ऊपर पंजाबी सूट लगा !
जिससे हो गया हाय - हैलो
शायद भाग्य जाग गया उसका !

मैं सोच - सोच कर हूँ परेशान 
केसी होगी वो जिसका नाम है "किरन" 
मै देख - देख कर हु हैरान
मैं सोच - सोच कर हूँ परेशान !!
                                        दीपक कुमार वर्मा 

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